कठघरे में है सरकार

कठघरे में है सरकार
Spread the love

अगर लगे आरोपों को साक्ष्यों के जरिए साबित कर दिया जाता है, तो फिर इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना की छवि आजाद भारत में हुए एक बड़े राजनीतिक घोटाले के रूप में बनेगी। क्या इस प्रकरण की विशेष एवं पूरी जांच जरूरी नहीं है? इलेक्ट्रॉल बॉन्ड्स के मुद्दे ने भारतीय लोकतंत्र की साख पर ऐसा ग्रहण लगाया है, जिसकी छाया से उबरना आसान नहीं होगा। अब यह बात बेहिचक कही जा सकती है कि चुनावी चंदे की यह योजना शुरुआत से ही बदनीयती से प्रेरित थी। मकसद चुनावी चंदे पर मोटा परदा डालना था। वैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक ने जो जानकारियां सौंपी हैं, उससे बात सिर्फ यहीं तक नहीं रह गई है।

बल्कि उससे कई बुनियादी सवाल उठे हैं। जब तक इन प्रश्नों पर स्थिति स्पष्ट नहीं होती, यह धारणा पुख्ता बनी रहेगी कि स्वार्थी और अवांछित ताकतें धन-बल के जरिए सत्ताधारी दलों एवं राजनेताओं को साध कर अपना उल्लू सीधा कर रही हैं। सबसे परेशानी वाली बात यह सामने आई है कि कथित खोखा (शेल) कंपनियां सियासी चंदा दे रही हैं और पार्टियां उन्हें स्वीकार भी कर रही हैं। कई ऐसी कंपनियां बेनकाब हुई हैं, जिन्हें एक वित्त वर्ष में जितना मुनाफा हुआ, उससे छह गुना से भी ज्यादा रकम उन्होंने चंदा दिया।

तो सवाल उठा है क्या सियासी चंदा देने के लिए ही कुछ बड़े कॉरपोरेट घरानों ने ऐसी कंपनियां बनाईं? यह पहलू इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि इनमें से कई कंपनियों की स्थापना इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना लागू होने के बाद हुई। एक अन्य मुद्दा चंदे के बदले लाभ पहुंचाए जाने और भयादोहन के बदले चंदा उगाहने के आरोप से संबंधित है। चूंकि स्टेट बैंक ने अभी तक यूनिक कोड उपलब्ध नहीं करवाए हैं, इसलिए ठोस रूप से यह दिखा पाना अभी संभव नहीं है कि किस कंपनी ने कब किस पार्टी को कितना चंदा दिया।

मगर आकलन के आधार पर विशेषज्ञों ने इस तरफ इशारा किया है कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के शुरू होने तुरंत बाद कुछ कंपनियों ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड खरीदे। उधर कुछ कंपनियों को इस माध्यम से चंदा देने के कुछ समय बाद परियोजनाओं के बड़े ठेके मिले। अगर यह रिश्ता साक्ष्यों के साथ स्थापित कर दिया जाता है, तो फिर इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना की छवि आजाद भारत में हुए एक बड़े राजनीतिक घोटाले के रूप में बनेगी। क्या इस प्रकरण की पूरी जांच जरूरी नहीं है?

Anita Amoli

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *