राज्य सम्पत्ति विभाग का फर्जी अधिकारी चढा दून पुलिस के हत्थे

राज्य सम्पत्ति विभाग का फर्जी अधिकारी चढा दून पुलिस के हत्थे
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अलग-अलग विभागों के फर्जी पहचान पत्र बरामद

नौकरी लगवाने के नाम पर 20 हजार रुपए की ठगी

जिलाधिकारी कार्यालय में पीड़ित को दिया फर्जी नियुक्ति पत्र

अपराधी के पास से बरामद हुए अलग-अलग विभागों के फर्जी पहचान पत्र

देहरादून। देहरादून पुलिस ने राज्य सम्पत्ति विभाग के फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके पास से अलग-अलग विभागों के फर्जी पहचान पत्र और कई तरह के दस्तावेज भी बरामद लिए है। यह फर्जी अधिकारी पहले तो लोंगो को नौकरी लगवाने के नाम पर अपने झांसे में लेता था फिर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनसे पैसो की ठगी करता था। अपराधी ने अब तक समाज कल्याण विभाग में पेन्शन, वृद्धावस्था पेंशन, आर्थिक योजना और श्रम विभाग में लोन का पैसा सेटेलमेन्ट का झांसा देकर कई लोगों से पैसों की ठगी की है।

कैसे पकड़ा गया फर्जी अधिकारी
दरअसल कृष्णा एक्लेव आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड़ देहरादून के पीड़ित जगदीश सिंह ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक उनके पड़ोसी के माध्यम से अवनीश भट्ट नाम का एक व्यक्ति उनके घर आता जाता था। अवनीश भट्ट ने अपनी पहचान उत्तराखण्ड सचिवालय में राज्य सम्पत्ति विभाग में वर्ग-2 के अधिकारी रूप में कराई थी।

जिसके बाद अवनीश भट्ट ने पीड़ित की बेटी शिवानी मुयाल(बीबीए) की नौकरी जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून में डाटा ऑपरेटर के पद लगवाने की बात कही थी साथ ही आवश्यक दस्तावेज तैयार करने के लिए उनसे 20 हजार रूपए भी लिए थे। जिसके बाद शिवानी के परिजनों ने अवनीश भट्ट को आवश्यक प्रमाण पत्र भी दे दिये। इसके बाद अवनीश भट्ट ने सप्ताह भर में ही शिवानी को एक नियुक्ति पत्र दिया था जो जिलाधिकारी कार्यालय से जारी किया गया था।

लेकिन शिवानी को झटका तब लगा जब उसके नियुक्ति पत्र जिलाधिकारी कार्यालय में फर्जी बताया गया। जिसके बाद शिवानी ने परिजनों के साथ कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज करवाया। जिसके बाद पुलिस ने अपराधी की तलाश शुरू की। पुलिस ने अवनीश भट्ट को रेलवे स्टेशन के पीछे बारात घर के पास से गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल अवनीश भट्ट का वास्तविक नाम संजय कुमार है जो पौडी गढवाल का रहने वाला है।

संजय ने पूछताछ में बताया कि वह टैक्सी कैब में काम करने के लिये देहरादून आया था, लेकिन उसमें फायदा न होने के कारण वह कचहरी में नैना फोटो स्टेट के नाम से एक दुकान मे नोटरी व अटैस्टेड का काम करने लगा। वही पर उसने राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में अलग-अलग पद की अवनीत भट्ट के नाम से फर्जी पहचान पत्र और अवनीत भट्ट व संजय कुमार के नाम से अलग-अलग आधार कार्ड बनावाए। यही पर उसकी पहचान प्रिया से हुई थी। और प्रिया के माध्यम से ही वह जगदीश मुयाल से हुई जिसके बाद संजय का भांडाफोड हुआ और वह पकड़ा गया।

अवनीत भट्ट उर्फ संजय कुमार के पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन , सीनियर क्लर्क कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट की फर्जी आईडी, मिनिस्ट्री ऑफ सैन्टर गर्वमेन्ट पीडब्लूडी विभाग का फर्जी आईकार्ड , उत्तराखण्ड शासन देहरादून राज्य सम्पत्ति विभाग का फर्जी आईकार्ड, शिवानी के शैक्षणिक दस्तावेज , संजय कुमार का असली आधार कार्ड बरामद किया है।

Anita Amoli

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